राजभाषा प्रकोष्ठ के विषय में
संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत हिंदी हमारी राजभाषा है। केन्द्र सरकार के प्रत्येक कार्यालय में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं प्रगामी प्रयोग के लिए राजभाषा अनुभाग/प्रकोष्ठ के गठन का प्रावधान है। केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यालयी कार्य हिंदी में करना हमारी विधिक जिम्मेदारी भी है। इन्हीं प्रावधानों के अनुपालन में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजभाषा प्रकोष्ठ का गठन वर्ष 2022 में किया गया। राजभाषा प्रकोष्ठ का उद्देश्य विश्वविद्यालय के कामकाज में राजभाषा के सभी संवैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करना है।.
राजभाषा प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय के दैनंदिन कार्यालयी पत्रों,परिपत्रों,आदेशों आदि का हिंदी अनुवाद उपलब्ध कराता है। उक्त प्रकोष्ठ द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रतिवेदन, वार्षिक लेखा प्रतिवेदन, वित्तीय प्राक्कलन एवं अन्य कार्यालयी दस्तावेजों का हिंदी अनुवाद किया जाता है। इसके अलावा, राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा विश्वविद्यालय में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन से संबंधित सभी कार्यों को पूरा किया जाता है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय के कार्मिकों की व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण के लिए समय-समय पर हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा अन्य कार्मिकों के कंप्यूटरों में हिन्दी में कार्य करने/टंकण आदि के बारे में सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) का सदस्य कार्यालय भी है। प्रतिवर्ष हिंदी दिवस (14 सितंबर) के अवसर पर “हिंदी पखवाड़ा” के अंतर्गत विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है।
इस प्रकार, राजभाषा प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय में राजभाषा हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सदैव तत्पर रहता है।
राजभाषा प्रकोष्ठ के मुख्य कार्य
राजभाषा प्रकोष्ठ के सदस्य
राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य